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ग़ज़ल रोज़ पीता हूँ पीलाता हूँ मैं अक्सर चाय। कभी होटल तो कभी घर में बैठा कर चाय। जब कहीं घूमने घर वाले चले जाते हैं। खूब पीता हूँ खुद ही ...