पिशाचों पर अब तक बहुत कुछ लिखा गया है। लेकिन उनकी एक अलग ही दुनिया भी बसी हुई है। और वह वहाँ कैसे रहते है यह इस स्टोरी में बताया गया है। उनकी दुनिया में एक बहुत बड़ा तालाब है जिससे उनको शक्ति मिलती है। एक हजार साल बाद पिशाचों की दुनिया का रास्ता ब्रह्मांड के किसी भी शोर या ग्रह पर खुलता है। इस बार धरती पर खुलने वाला होता है।लेकिन पिशाचों के मास्टर बहुत चिंतित होते है क्योकि इस रास्ते से पिशाच लोक में आने वाला जीव पिशाचों का सर्वनाश कर सकता था। जब वह रास्ता खुलता है तो एक पुलिस का डीएसपी राजशेखर धरती पर एक हवेली में तांत्रिकों की मदद से पिशाचों से लड रहा होता है। एक मादा प्रेत भी अपनी दुनिया से आकर कुछ पिशाचों की दोस्त बनी होती है जो धरती पर आए हुए है। यह सब उस खुले द्वार से पिशाच लोक के तालाब में जाकर गिरते है। और वह मादा प्रेत चंडालीका और भी खतरनाक बन जाती है तो वही पर डीएसपी राजशेखर भी एक पिशाच बन जाता है जो सब पिशाचों से ताकतवर होता है। लेकिन मास्टर बैतूल की बेटी मलाया राजशेखर उर्फ रेजूल को पिशाचों का मास्टर बना देती है। मास्टर रेजूल पिशाचों का रक्षक है या भक्षक चंडालीका वहाँ पिशाच लोक में तबाही मचाती है
सिमरप्रीत सिंह पंजाब के जिला तरन तारन के रहने वाला हैं। इनका साहित्यिक लगाव बचपन से है। लिखने का शौक भी था लेकिन जिम्मेदारियों के चलते लेखन कार्य नही कर पाए। जिम्मेदारियों से मुक्त होकर लेकिन 2019 में एक साहित्यिक मंच पर पढ़ना शुरू किया। एवं पढने के दौरान इन्हें एहसास हुआ अपना लेखन कार्य शुरू करने का और जनवरी 2020 से इन्होंने लिखना शुरू कर दिया।